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    Home»Language»Hindi»रुद्रनाथ ट्रेक 2024 | Rudranath Trek Travel Guide 2024 in Hindi
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    रुद्रनाथ ट्रेक 2024 | Rudranath Trek Travel Guide 2024 in Hindi

    16 Mins Read

    रुद्रनाथ ट्रेक 2024 | Rudranath Trek 2024 in Hindi | Rudranath Trek Guide 2024 in Hindi | Rudranath Trek Cost in Hindi | Best Time For Rudranath in Hindi | Rudranath Trek itinerary in Hindi | Rudranath Trek Complete Travel Guide in Hindi | Rudranath Trek Tips | History | Timings

    रुद्रनाथ – Rudranath in Hindi


    rudranath_temple_uttrakhand
    Rudranath Temple | Click on image for credits

    उत्तराखंड में भगवान शिव के पंच केदार मंदिरों में रुद्रनाथ मंदिर  चतुर्थ केदार के रूप में पूजा जाता है। भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।  रुद्रनाथ मंदिर के अलावा भगवान शिव के बाकी पंच केदार मंदिरों में केदारनाथ  प्रथम केदार के रूप में , मध्यमहेश्वर द्वितीय केदार के रूप में , तृतीय केदार के रूप में तुंगनाथ और पांचवें केदार के रूप कल्पेश्वर को पूजा जाता है।

    भगवान शिव का यह मंदिर एक प्राचीन गुफा में बना हुआ है जिसमे भगवान शिव के मुख की पूजा की जाती है। यहाँ पर भगवान शिव के मुख की पूजा होने की वजह से ही उस मंदिर को रुद्रनाथ कहा जाता है।  यह शिव  मंदिर के चारों तरफ  रोडोडेंड्रोन और अल्पाइन घास के मैदानों के बीच में बना है जो की इस मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ा देते है।

    बाकी के केदार मंदिरों की तरह रुद्रनाथ मंदिर के कपाट भी साल में सिर्फ 06 महीने के लिए ही खुले रहते है। ( कल्पेश्वर मंदिर पुरे वर्ष श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला रहता है )  इसका सीधा सा कारण यह है की सर्दियों के मौसम में यहाँ पर बहुत ज्यादा बर्फ गिरती है और इसी वजह से आप सिर्फ वर्ष में सिर्फ 06 महीने ही रुद्रनाथ मंदिर के दर्शन कर सकते है।

    रुद्रनाथ मंदिर की समुद्रतल से ऊंचाई मात्र 2290 मीटर (7513 फ़ीट) ही है लेकिन जितने भी केदार मंदिर  है उनमें से सबसे ज्यादा कठिन और लम्बी पैदल  यात्रा इसी  मंदिर की है। रुद्रनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको 20 किलोमीटर (कुल 40 किलोमीटर ) की पैदल यात्रा करनी होती है। रुद्रनाथ मंदिर की पूरी यात्रा के लिए आपके पास कम से कम 4 – 5 दिन का समय होना चाहिए ताकि आप बिना किसी परेशानी के इस मंदिर की अपनी पैदल यात्रा पूरी कर सके।

    रुद्रनाथ मंदिर पैदल यात्रा या ट्रेक शुरू करने से पहले कुछ बातें है जो कि आपको रुद्रनाथ  की  यात्रा शुरू करने से पहले पता होनी चाहिए जैसे –

    01 रुद्रनाथ यात्रा कहाँ से शुरु होती है ?

    02 रुद्रनाथ यात्रा कब शुरू होती है?

    03 रुद्रनाथ की पैदल यात्रा के दौरान क्या–क्या साथ मे रखना है?

    04 रुद्रनाथ यात्रा के दौरान क्या–क्या सुविधाएं मिलती है?

    05 रुद्रनाथ ट्रेक के दौरान क्या–क्या सावधानी रखनी चाहिए ?

    06 रुद्रनाथ ट्रेक का यात्रा मार्ग ?

    तो चलिए जानते है कि हमें रुद्रनाथ यात्रा के दौरान कौन-कौनसी बातों का ध्यान रखना है।

    रुद्रनाथ ट्रेक – Rudranath Trek in Hindi


    Rudranath
    Rudranath | Click on image for credits

    हिमालय के पहाड़ों में स्थित रुद्रनाथ मंदिर 20 किलोमीटर लम्बा ( कुल 40 किलोमीटर ) एक मध्यम से कठिन श्रेणी का ट्रेक माना जाता है। आप जब भी रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा कार्यक्रम बनाएँ तो यह सुनिश्चित जरूर करें की आप शारीरिक रूप से सक्षम और स्वस्थ हो। अगर आप को साँस की या किसी भी अन्य प्रकार की ऐसी  बीमारी हो जिससे आपको साँस लेने में तकलीफ को तब आप को रुद्रनाथ मंदिर की पैदल यात्रा नहीं करनी चाहिए।

    इस ट्रेक की लम्बाई और सीधी खड़ी चढ़ाई इस ट्रेक को और भी मुश्किल बना देते है। रुद्रनाथ मंदिर के ट्रेक दौरान आप अल्पाइन घास के मैदानों, घने जंगलो और  गहरी घाटियों से होते हुए मंदिर तक पहुँचते है। और यही घने जंगल और गहरी घाटियाँ आप के रुद्रनाथ ट्रेक को रोचक और यादगार बनाते है। रुद्रनाथ ट्रेक  बाकी के सभी केदार मंदिरों के ट्रेक से ज्यादा कठिन माना जाता है लेकिन जितना ज्यादा यह ट्रेक कठिन हो उतना ही ज्यादा आनंद आपको यह ट्रेक पूरा करने में आता है।

    रुद्रनाथ मंदिर से हिमालय की प्रमुख पर्वत श्रंखलाएं जैसे त्रिशूल, नंदा देवी और नंदा घुंटी आदि के बेहद खूबसूरत और आखों को सुकून देने वाले दृश्य दिखाई देते है। रुद्रनाथ ट्रेक के दौरान आपको स्थानीय प्रशासन के द्वारा किसी भी प्रकार की सुविधा प्रदान नहीं की जाती है। हाँ ट्रेक के दौरान रास्ते में कुछ ऐसे स्थान आते है जहाँ पर आप कुछ देर विश्राम कर सकते है और आपको नाश्ता और खाने की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी।

    इसके अलावा स्थानीय निवासियों ने ट्रेक के दौरान छोटे – छोटे भोजनालय और रेस्टोरेंट भी बनाये हुए है जिनमे आप मात्र कुछ किराया देकर रातभर रुक भी सकते है। रुद्रनाथ ट्रेक के दौरान आपको जितनी भी सुविधाएँ मिलती है उनमे से अधिकांश स्थानीय निवासियों के द्वारा ही उपलब्ध करवाई जाती है ताकि वो लोग आपकी रुद्रनाथ यात्रा को आसान बना सके और अपने और अपने परिवार के लिए जीविका अर्जन कर सके। रुद्रनाथ मंदिर तक जाने वाले तीन अलग-अलग ट्रेक बने हुए है।

    यह तीनो ही ट्रेक अलग-अलग प्राकृतिक सुंदरता के परिदृश्य प्रस्तुत करते है। लेकिन अधिकांश श्रद्धालु और ट्रेकर्स सागर गांव से अपना रुद्रनाथ ट्रेक शुरू करना पसंद करते है। अब यह आप पर निर्भर करता है की आप कैसे रास्ते से रुद्रनाथ ट्रेक करना चाहते है। रुद्रनाथ ट्रेक की लिए स्थानीय निवासियों में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है “रुद्रनाथ की चढ़ाई , जर्मन की लड़ाई “ यह कहावत कितनी सत्य है यह तो आपको तभी पता चलेगा जब आप रुद्रनाथ ट्रेक करेंगे।

    रुद्रनाथ मंदिर में आरती का समय – Rudranath Temple Aarti Timings in Hindi

    rudranath_aarti_timing
    Rudranath Temple Aarti Timings | Ref image

    रुद्रनाथ मंदिर में प्रभात  की आरती सुबह  08 बजे होती है और संध्या आरती शाम को 06:30 बजे होती है। आप अपने ट्रेक का कार्यक्रम इस प्रकार बनायें की आप जब ट्रेक करके रुद्रनाथ पहुंचे तब आप संध्या आरती का आनंद ले सके और अगले दिन जब आप रुद्रनाथ से वापस लौटे तो सुबह की आरती लेकर आपका वापसी का ट्रेक शुरू कर सके।

    रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि 2022 – Rudranath temple opening date 2022 in Hindi

    19 मई 2022 को रुद्रनाथ मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे जो की अगले 06 महीने तक श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खुलेंगे  है।

    रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की तिथि 2022 – Rudranath temple Closing date 2022 in Hindi

    अभी तक रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की कोई भी तारीख निर्धारित नहीं की गई है। वैसे रुद्रनाथ मंदिर के कपाट नवंबर के दूसरे सप्ताह तक बंद हो जाते है या फिर भाई दूज के बाद भी रुद्रनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते है।

    रुद्रनाथ ट्रेक प्रवेश शुल्क – Rudranath Trek Entry Fee in Hindi

    पंच केदार मंदिरों में चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के दर्शन के लिए वैसे तो किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है। लेकिन यह मंदिर केदारनाथ वन्यजीव अभ्यारण्य के क्षेत्र में स्थित है।

    इस वजह से आप जब रुद्रनाथ ट्रेक करते है और अपने साथ प्लास्टिक पैकजिंग वाला कोई भी सामान अपने साथ लेकर जाते है जैसे – पानी की बोतल , मैगी और बिस्कुट आदि, तो वन विभाग आपके पास जितना भी प्लास्टिक पैकेट वाला सामान होता है उसके लिए प्रति नग 100/- रूपए शुल्क लेता है।

    आपने काउंटर पर जितने भी रूपए जमा करवाएं होते है उसके बदले में आपको एक स्लिप दो जाती है जो आप अपनी यात्रा की वापसी के समय वन विभाग के काउंटर पर जमा करवाते है तो वो रूपए आपको वापस मिल जाते है। लेकिन अगर आपके पास लिखवाये गए प्लास्टिक पैकेट में से एक भी प्लास्टिक पैकेट कम मिलता है तो आपको 5000/- रुपये का जुर्माना लग सकता है।

    प्लास्टिक पैकेट पर शुल्क वाला यह निर्णय अभी कुछ समय पहले ही लिया गया है ताकि जंगल और पहाड़ों में प्लास्टिक का कचरा कम से कम हो।

    रुद्रनाथ में गतिविधियाँ – Activities in Rudranath in Hindi

    आप जब भी रुद्रनाथ ट्रेक का कार्यक्रम बनाते है और आपके पास कुछ अतिरिक्त समय है तो आप रुद्रनाथ ट्रेक करते समय कुछ प्राचीन मंदिर के दर्शन भी कर सकते है। इसके अलावा ट्रेक के दौरान अल्पाइन घास के मैदानी क्षेत्र भी आते है जिनके लिए भी आप से निकाल सकते है। इन घास के मैदानों को ल्युति बुग्याल और पनार बुग्याल के नाम से जाना जाता है। रुद्रनाथ मंदिर के आसपास चंद्र कुंड, मानस कुंड, सूर्य कुंड और तारा कुंड जैसे कई पौराणिक महत्व के कुंड भी स्थित है।

    रुद्रनाथ ट्रेक मार्ग – Rudranath Trek Routes in Hindi


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    Rudranath Trek Route | Click on image for Credits

    रुद्रनाथ ट्रेक 01 – सागर गांव – लिट्टी बुग्याल- पनार बुग्याल – पितृधर – रुद्रनाथ

    रुद्रनाथ ट्रेक 02 – हेलंग – उर्गम – कल्पेश्वर – दुमक – बंसी नारायण – पनार – रुद्रनाथ

    रुद्रनाथ ट्रेक 03 – मंडल गांव- अनसूया मंदिर – हंसा बुग्याल – नौला दर्रा – रुद्रनाथ

    रुद्रनाथ ट्रेकिंग यात्रा कार्यक्रम – Rudranath Trekking Itinerary in Hindi

    वैसे तो रुद्रनाथ ट्रेक को पूरा करने में आपको 4-5 दिन का समय लग जाता है। यहाँ पर यह 4-5 दिन का समय ट्रेक पूरा करने के समय है ना कि आपके के घर से यात्रा शुरू करने से लेकर वापस घर पहुँचने का समय है। आप जब अपने घर से यात्रा शुरू करके ऋषिकेश पहुँचते है और आप वापस ऋषिकेश से अपने घर पहुंचते है यह समय आपकी यात्रा का अतिरिक्त समय माना जायेगा।

    इसलिए आप रुद्रनाथ यात्रा का कार्यक्रम भी इस प्रकार बनाये ताकि आपको समय से सम्बंधित किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। में आपको यहाँ पर ऋषिकेश से रुद्रनाथ तक के यात्रा के बारे में बताने जा रहा हूँ। आपके घर से लेकर ऋषिकेश तक पहुंचने में लगने वाले समय को आप अतिरिक्त जोड़ लेवें। वैसे तो रुद्रनाथ मंदिर तक 03 पैदल मार्ग जाते है लेकिन इन तीनों मार्गों में सागर गाँव से रुद्रनाथ का ट्रैक सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।

    trek_rudranath
    Rudranath Trek | Ref img

    पहला दिन – ऋषिकेश से सागर गांव ( दूरी 215 किलोमीटर)

    आपकी यात्रा के पहले दिन आप ऋषिकेश बस ओर टैक्सी के द्वारा गोपेश्वर तक पहुंच सकते है। गोपेश्वर से आपको सागर तक पहुंचने के लिए टैक्सी मिल जाएगी। गोपेश्वर से सागर गाँव की दूरी मात्र 5 किलोमीटर है। रात के समय आप सागर गाँव में बने हुए होम स्टे रुक सकते है।

    दूसरा दिन – सागर-पुन बुग्याल-पनार बुग्याल (ट्रेक की कुल दूरी 12 किलोमीटर)

    सागर गाँव मे रातभर विश्राम करने के बाद आप अगली सुबह अपनी सुविधा के अनुसार ट्रेक शुरू कर सकते है। सागर गाँव से जब आप ट्रेक शुरू करते है तो लगभग 02 घंटे ट्रेक करने के बाद आप पुन बुग्याल पहुँचते है, यहाँ पर आप कुछ देर आराम कर सकते है और नाश्ता पानी भी कर सकते है। पुन बुग्याल में कुछ देर आराम करने के बाद आप लगभग 4-6 किलोमीटर का ट्रैक करके ल्युति बुग्याल पहुंचते है।

    आप चाहे तो ल्युति बुग्याल में भी भोजन का आनंद ले सकते है। ल्युति बुग्याल से आपको पनार बुग्याल पहुँचने में 3-4 घंटे और लग सकते है। पनार बुग्याल पहुँच कर आप यहाँ पर बने हुए होम स्टे में रात के समय में रुक सकते है और अगर आप कैंपिंग का सामान लेकर आये है तो आप यहाँ पर कैंपिंग भी कर सकते है।

    तीसरा दिन – पनार बुग्याल- रुद्रनाथ (ट्रेक की कुल दूरी 08 किलोमीटर)

    पनार बुग्याल से आप सुबह जल्दी उठ कर कुछ नाश्ता करके के आप रुद्रनाथ के लिए आगे की यात्रा शुरू कर सकते है। पनार बुग्याल से ट्रेक शुरू करने के बाद आपका अगला स्टॉप पितृधर आता है। पनार से पितृधर पहुँचने में आपको कुल 02-03 घंटे का समय लगेगा। पितृधर से 01 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नाओला पास पहुंच कर आप कुछ समय आराम कर सकते है।

    नाओला पास से रुद्रनाथ मंदिर की दूरी कुल 04 किलोमीटर है। और यह आपकी रुद्रनाथ यात्रा का अंतिम पड़ाव भी है। अगर आप संध्या आरती से पहले रुद्रनाथ पहुँच गए है तो आप संध्या आरती के बाद वापस नाओला पास आकर रात के समय कैंपिंग कर सकते है। लेकिन अगर आप प्रभात आरती में भी भाग लेना चाहते है तो आप मंदिर के पास बने हुए आवास में रुक सकते है।

    नोट – इस बात का ध्यान रखें कि रुद्रनाथ मंदिर के अंदर किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।

    चौथा दिन – रुद्रनाथ से सागर गाँव ( ट्रेक की कुल दूरी 20 किलोमीटर)

    रुद्रनाथ में अगली सुबह प्रभात आरती के दर्शन करने के बाद आप सागर गाँव के लिये अपनी यात्रा दोबारा शुरू कर सकते है। आज के दिन आप जितना ज्यादा रास्ता कवर करें उतना ज्यादा अच्छा है। नहीं तो आप ल्युति बुग्याल ओर पनार बुग्याल में रात के समय रुक कर अगले दिन जल्दी सुबह सागर गाँव के लिये अपनी यात्रा दोबारा शुरू कर सकते है।

    पाँचवां दिन – सागर गाँव से ऋषिकेश

    पाँचवे दिन आप सागर गाँव पहुँच कर गोपेश्वर होते हुए बस ओर टैक्सी के द्वारा आप ऋषिकेश के लिए अपनी यात्रा कर सकते है।

    रुद्रनाथ में कहाँ रुके – Stay at Rundranath in Hindi

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    Camping at Rudranath | Ref img

    रुद्रनाथ ट्रेक के दौरान आपके रुकने या आराम करने के लिए स्थानीय प्रशासन के द्वारा कोई विशेष व्यवस्था नहीं कि गई है। लेकिन ट्रेक के दौरान स्थानीय निवासियों द्वारा होम स्टे की सुविधा जरूर उपलब्ध करवाई जाती है। इन होम स्टे में आप मात्र कुछ रुपए देकर रात के समय में बड़े आराम से रुक सकते है और इसके अलावा यहाँ पर आपको स्थानीय भोजन की सुविधा भी मिल जाती है।

    अगर आपके पास कैंपिंग का सामान है तो आप रात के समय मे अल्पाइन घास के मैदानों में कैंपिंग भी कर सकते है। अगर आप पहली बार कैंपिंग कर रहे है तो यह गतिविधि भी आपकी यात्रा में एक अलग ही प्रकार का यादगार अनुभव जोड़ देती है। मंदिर के पास में मंदिर समिति के द्वारा श्रद्धालुओं और ट्रेकर्स के लिए आवास की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। आपको होम स्टे के सुविधा सागर गाँव, ल्युति बुग्याल, पनार बुग्याल और उरगम घाटी के उपलब्ध मिल जाएगी।

    रुद्रनाथ में भोजन – Food in Rudranath in Hindi

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    Rudranath Food

    रुद्रनाथ ट्रेक के दौरान आपको रास्ते मे कई जगहों पर स्थानीय निवासियों द्वारा बनाये गए छोटे-छोटे भोजनालय मिल जाते है जहाँ पर आप मैगी ओर स्थानीय भोजन का आनंद ले सकते है। आप अगर अपने मित्रों के साथ या किसी ट्रैकिंग ग्रुप के साथ यह यात्रा कर रहे है तो आप अपने भोजन का सामान भी साथ मे लेकर जा सकते है।

    बस आपको यह सुनिश्चित करना है कि अगर आपके भोजन में किसी भी प्रकार की प्लास्टिक से संबंधित पैकेजिंग है तो आपको यात्रा की वापसी के समय प्लास्टिक से जुड़ा हुआ सारा सामान वापस लेकर आना है नहीं तो आपको बहुत भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।

    रुद्रनाथ ट्रेक के लिए टिप्स – Tips For Rudranath Trek in Hindi

    01 पहचान पत्र

    02 मफलर

    03 पानी की बोतल ( 3-5 से लीटर )

    04 ड्राई फ्रूट्स और पैकेट फ़ूड

    05 गरम कपड़े ( स्वेटर / जैकेट / पुल ओवर )

    06 पोंचो / रेन कोट ( बारिश के मौसम के लिए )

    07 धुप का चश्मा

    08 टोर्च / पॉवर बैंक / कैमरा के लिए एक्स्ट्रा बैटरी

    09 कैंपिंग का सामान अगर संभव हो। ( चटाई / स्लीपिंग बैग )

    10 इलेक्ट्रॉनिक सामान को बारिश से बचाने के वाटरप्रूफ बैग।

    11 नींबू और नमक या इलेक्ट्रोलाइट पाउडर/पेय (इलेक्ट्रल/गेटोरेड/ग्लूकॉन डी)

    12 ट्रैकिंग शूज / ट्रैकिंग पेंट / क्विक ड्राई टीशर्ट /केप

    13 सीटी (आपात स्थित के लिए )

    14 प्राथमिक चिकित्सा किट :-  कैंची, सनस्क्रीन (एसपीएफ़ 50+), बैंड एड्स (वाटर प्रूफ), एनाल्जेसिक स्प्रे (रिलीस्प्रे, वोलिनी), एंटीसेप्टिक लिक्विड (सेवलॉन, डेटॉल), एंटीसेप्टिक पाउडर (पोविडोन-आयोडीन आधारित पाउडर जैसे सिप्लाडाइन, सेवलॉन), पट्टी, रुई, क्रेप पट्टी आदि।

    15 दवाइयां :- बुखार , सिरदर्द , मोशन सिकनेस , लूज़ मोशन , उल्टी  और एसिडिटी आदि ।

    16 रुद्रनाथ ट्रेक शुरू करने से पहले मौसम के बारे में जरूर पता करें।

    17 अगर आप को पहाड़ों में ट्रैकिंग का अनुभव नहीं है तो अपने साथ स्थानीय गाइड कर सकते है।

    ( नोट :- किसी भी तरह के दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेवें। ) 

    रुद्रनाथ कैसे पहुँचे – How to reach Rudranath in Hindi

    how_to_reach_rudranath
    How to reach Rudranath | Ref img

    हवाई मार्ग से रुद्रनाथ कैसे पहुँचे – How to Reach Rudranath by Air in Hindi

    हिमालय के घने पहाड़ो के बीच मे स्थित होने की वजह से रुद्रनाथ में किसी भी प्रकार की हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है। रुद्रनाथ के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। देहरादून देश के प्रमुख हवाई अड्डों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। देहरादून हवाई अड्डे से रुद्रनाथ ( गोपेश्वर ) की दूरी 258 किलोमीटर है।

    रुद्रनाथ पहुँचने के लिये आपको सबसे पहले गोपेश्वर पहुँचना होता है। गोपेश्वर से 05 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सागर गाँव से रुद्रनाथ का 24 किलोमीटर लंबा ट्रेक शुरू होता है। देहरादून से आपको गोपेश्वर के लिए नियमित रूप से बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध हो जाएगी। गोपेश्वर से आप सागर गाँव पहुँच कर आप रुद्रनाथ का ट्रैक शुरू कर सकते है।

    रेल मार्ग से रुद्रनाथ कैसे पहुँचे – How to Reach Rudranath by Train in Hindi

    वैसे तो रुद्रनाथ के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून के रेलवे स्टेशन है। लेकिन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से रुद्रनाथ (गोपेश्वर) की दूरी मात्र 241 किलोमीटर है। देश के प्रमुख शहरों से आपको ऋषिकेश के लिये नियमित रेल सेवा उपलब्ध मिल जाएगी। ऋषिकेश से नियमित रूप गोपेश्वर के लिये बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध रहती है।

    गोपेश्वर से 05 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सागर गाँव से आप रुद्रनाथ का ट्रैक शुरू कर सकते है। सागर गाँव से रुद्रनाथ की पैदल दूरी 24 किलोमीटर है।

    सड़क मार्ग से रुद्रनाथ कैसे पहुंचे – How to reach Rudranath by Road in Hindi

    गोपेश्वर सड़क मार्ग के द्वारा हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून जैसे शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इन तीनों शहरों से गोपेश्वर के लिये नियमित रूप से बस ओर टैक्सी सेवा उपलब्ध रहती है। अगर आप अपने निजी वाहन से रुद्रनाथ आ रहे है तो आप गोपेश्वर से 05 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सागर गाँव तक अपनी गाड़ी की सहायता से बड़ी आसानी से पहुँच सकते है। रुद्रनाथ की पैदल यात्रा सागर गाँव से ही शुरू होती है।

    (अगर आप मेरे इस आर्टिकल में यहाँ तक पहुंच गए है तो आप से एक छोटा से निवदेन है की नीचे कमेंट बॉक्स में इस लेख से संबंधित आपके सुझाव जरूर साझा करें, और अगर आप को कोई कमी दिखे या कोई गलत जानकारी लगे तो भी जरूर बताए।  में यात्रा से संबंधित जानकारी मेरी इस वेबसाइट पर पोस्ट करता रहता हूँ, अगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप को पसंद आ रही है तो आप अपने ईमेल से मेरी वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करे, धन्यवाद )

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