त्रिउंड | त्रिउंड ट्रेक | त्रिउंड ट्रेक की पूरी जानकारी | Triund | Triund Trek 2022 | Triund Trek Complete Travel Guide | Triund Trek Complete Information | Ground Trek In Hindi
त्रिउंड ट्रेक – Triund Trek in Hindi

हिमालय की धौलाधार पर्वत श्रृंखला में स्थित त्रिउंड एक पहाड़ की चोटी पर स्थित अल्पाइन घास का मैदान है। त्रिउंड से धौलाधार पर्वत श्रृंखला और कांगड़ा घाटी के बेहद शानदार दृश्य दिखाई देते है। समुद्रतल से 2850 मीटर (9350 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित त्रिउंड हिमालय के सबसे आसान ट्रेक में से एक माना जाता है। एक आसान ट्रेक होने की वजह से त्रिउंड ट्रेक ने बहुत कम समय मे बहुत लोकप्रियता हासिल की है।
अगर आपको ट्रैकिंग करना पसंद है और अभी तक आपने पहाड़ो पर एक भी ट्रेक पूरा नहीं किया है तो आप अपनी ट्रेकिंग की शुरुआत त्रिउंड के ट्रेक से कर सकते है। त्रिउंड ट्रेक की सबसे अच्छी बात यह है कि आप इस ट्रैक को एकल पूरा कर सकते है।
त्रिउंड ट्रेक का अधिकतम रास्ता आसान है पूरे ट्रेक के दौरान आप ओक, पाइन और देवदार के विशाल और घने जंगलों में से गुजरते है, घने जंगलों के अलावा आपको रास्ते मे धौलाधार पर्वत श्रृंखला और कांगड़ा घाटी के अविस्मरणीय दृश्य भी दिखाई देते है। वैसे तो त्रिउंड ट्रेक शुरुआती ट्रेकर्स के लिए उपयुक्त माना जाता है, लेकिन त्रिउंड ट्रेक एक अनुभवी ट्रैकर को भी निराश नहीं करता है।
अधिकांश अनुभवी ट्रैकर त्रिउंड ट्रेक पूरा करने के बाद लाहेश गुफा जो की समुद्रतल से 3500 मीटर (11482 फ़ीट) की ऊँचाई पर स्थित है, और इन्द्रहार पास जो की समुद्रतल से 4342 मीटर (14245 फ़ीट) की ऊँचाई पर स्थित है तक जाना पसंद करते है। इसके अलावा कुछ अनुभवी ट्रैकर त्रिउंड ट्रेक के बाद लाका ग्लेशियर तक भी ट्रेक करना पसंद करते है। लाका ग्लेशियर की समुद्रतल से ऊंचाई 2895 मीटर (9500 फ़ीट) है।
त्रिउंड से लाहेश गुफा की दूरी लगभग 5-6 किलोमीटर है। और उसके बाद अगर आप लाहेश गुफा से इन्द्रहार पास तक जाते है तो आपको 8-9 किलोमीटर तक और ट्रेक करना पड़ेगा। एक अनुभवी ट्रैकर त्रिउंड ट्रेक एक दिन में बड़ी आसानी से पूरा कर सकता है, लेकिन अगर आप त्रिउंड ट्रेक पूरा करने के बाद त्रिउंड टॉप पर कैंपिंग करना चाहते है तो आपको यहाँ पर लगभग 24 घंटे लग सकते है।
रात के समय त्रिउंड टॉप से कांगड़ा घाटी के बेहद सुंदर दृश्य दिखाई देते है इसके अलावा अगर आपकी किस्मत अच्छी है तो आप को यहाँ से मिल्की वे भी दिखाई दे सकता है। मैक्लोडगंज, धर्मशाला और धर्मकोट में बहुत सारी एडवेंचर एजेंसीज त्रिउंड ट्रेक पूरा करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध करवाते है।
मैक्लोडगंज और इसके आसपास स्थित लगभग सभी एजेंसी 1000/- रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से त्रिउंड ट्रेक का पूरा पैकेज देते है ( इस पैकज में कैंपिंग टेंट , रात का खाना और सुबह का नाश्ता शामिल होता है) ।
त्रिउंड तक कैसे पहुँचे – How to reach Triund in Hindi

त्रिउंड तक पहुंचने के दो रास्ते ट्रेकर्स के द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किए जाते है, पहला रास्ता मैक्लोडगंज में भागसूनाग मंदिर और भागसूनाग वॉटरफॉल होते हुए जाता है। अगर आप भागसूनाग वॉटरफॉल होते हुए त्रिउंड जाना चाहते है तो आप को त्रिउंड तक लगभग 09 किलोमीटर तक ट्रेक करना होगा। उसके अलावा दूसरा सबसे प्रसिद्ध रास्ता मैक्लोडगंज से 02 किलोमीटर दूर स्थित धर्मकोट से शुरू होता है।
धर्मकोट से त्रिउंड जाने वाले सभी ट्रैकर गालु देवी मंदिर होते हुए त्रिउंड ट्रेक की यात्रा करते है। धर्मकोट से त्रिउंड को दूरी मात्र 07 किलोमीटर है। अधिकांश ट्रैकर मैक्लोडगंज से ही अपनी त्रिउंड की यात्रा शुरू करना पसंद करते है। ललेकिन कुछ ट्रैकर अपने त्रिउंड ट्रेक की दूरी को कम करने के लिए अपने निजी वाहन या फिर टैक्सी के द्वारा धर्मकोट तक जाते है और उसके बाद त्रिउंड की अपनी यात्रा शुरू करते है।
त्रिउंड ट्रेक में कठिनाई का स्तर – Triund Trek Difficulty Level in Hindi
त्रिउंड ट्रेक हिमालय के सबसे आसान ट्रेक में से एक माना जाता है।
त्रिउंड ट्रेक की अवधि – Duration of Triund Trek In Hindi
अगर आप सुबह जल्दी धर्मकोट या फिर मैक्लोडगंज से अपनी त्रिउंड की यात्रा शुरू करते है तो आप दोपहर तक त्रिउंड बड़ी आसानी से पहुँच सकते है और उसके बाद कुछ समय त्रिउंड के शिखर पर रुक कर आप उसी दिन वापस धर्मकोट या मैक्लोडगंज पहुँच सकते है। अगर आपको कैंपिंग का शौक है तो फिर आप दोपहर से पहले त्रिउंड की अपनी यात्रा शुरू करें तो आप शाम से पहले त्रिउंड के शिखर तक पहुँच सकते है।
शाम को त्रिउंड पहुँच कर आप पूरी रात त्रिउंड के शिखर पर कैंपिंग का आनन्द ले सकते है और उसके बाद अगले दिन नाश्ता करने के बाद आप त्रिउंड से वापस मैक्लोडगंज या धर्मकोट की यात्रा शुरू कर सकते है।
त्रिउंड ट्रेक की कुल दूरी – Total distance of Triund Trek in Hindi

आप त्रिउंड का ट्रेक मैक्लोडगंज और धर्मकोट दोनों ही जगह से शुरू कर सकते है। मैक्लोडगंज से त्रिउंड की दूरी लगभग 09 किलोमीटर है, और धर्मकोट से त्रिउंड की दूरी 07 किलोमीटर है। जितने भी ट्रैकर मैक्लोडगंज से अपनी त्रिउंड की यात्रा शुरू करते है उनके लिए सबसे पहला चेकपॉइंट भागसूनाग वाटरफॉल आता है।
और जो ट्रैकर धर्मकोट से अपनी त्रिउंड की यात्रा शुरू करते है उनका सबसे पहला चेकपॉइंट गालु देवी मंदिर आता है। अगर आप कम समय मे त्रिउंड ट्रेक पूरा करना चाहते है तो आप मैक्लोडगंज से टैक्सी के द्वारा धर्मकोट तक जा सकते है।
त्रिउंड ट्रेक के लिए सबसे अच्छा समय – Best time for Triund Trek in Hindi

त्रिउंड ट्रेक के लिए सबसे अच्छा समाज मार्च से लेकर दिसंबर तक माना जाता है। मानसून के मौसम के दौरान यहाँ पर ट्रैकिंग नहीं करना चाहिए पूरा रास्ता काफी फिसलन भरा हो जाता है। इसके अलावा जनवरी और फरवरी के महीनों में भी त्रिउंड ट्रेक नहीं करना चाहिए इस समय त्रिउंड पर बहुत भारी बर्फबारी होती है।
त्रिउंड का औसतन तापमान – Average temperature of Triund Trek in Hindi

गर्मियों के मौसम में त्रिउंड का तापमान दिन के समय मे 25-30 डिग्री के आसपास रहता है और रात का तापमान औसतन 8-10 डिग्री के आसपास हो जाता है। सर्दियों के मौसम में यहाँ पर तापमान बहुत कम हो जाता है और साथ के ही भारी बर्फबारी की संभावना भी बढ़ जाती है इसलिए सर्दियों के मौसम में त्रिउंड की यात्रा शुरू करने से पहले आपको यहाँ के मौसम के बारे में पता कर लेना चाहिए। क्यूँ की भारी बर्फबारी की वजह से कई बार त्रिउंड जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है।
त्रिउंड ट्रेक की ऊँचाई – Triund Trek Height in Hindi
त्रिउंड की समुद्रतल से ऊँचाई 2850 मीटर (9350 फ़ीट) है।
त्रिउंड ट्रेक के लिए टिप्स – Tips For Ground Trek in Hindi

01 सर्दियों में गर्म कपड़े जरूर साथ मे रखें।
02 गर्मियों में रात के समय त्रिउंड पर ठंड हो जाती है।
03 गर्मियों में कुछ वार्मर्स और एक छोटा और हल्का बैग जरूर साथ लेकर जाएं।
04 ट्रेक के दौरान खाने-पीने के लिए कुछ स्नैक्स और पानी की बोतल जरूर साथ मे रखें। (त्रिउंड ट्रेक के रास्ते मे कुछ कैफ़े आते है लेकिन ऊँचाई पर स्थित होने की वजह से यह कैफ़े थोड़े महँगे होते है।)
05 अगर आपको त्रिउंड में रात के समय कैंपिंग करना है तो आप टेंट जरूर साथ में लेकर जाये। अगर आप टेंट ऊपर तक लेकर जाने में सहज नहीं तो आप किसी भी एडवेंचर ऐजेंसी से अपने लिए ऊपर टेंट की व्यवस्था कर सकते है। ऐजेंसी वाले आप से टेंट के लिए एक रात का किराया 500-600 रुपये तक ले सकते है।
(स्लीपिंग बैग्स के साथ टेंट का किराया बढ़ सकता है।) इसके अलावा आप अपने त्रिउंड ट्रेक किसी भी एडवेंचर एजेंसी के साथ पूरा कर सकते है। एजेंसी आप से त्रिउंड ट्रेक के लिए 1000/- रुपये तक चार्ज करती है। (एडवेंचर टूर एजेंसी आपको 1000/- के पैकेज में टेंट, रात का खाना और ब्रेकफास्ट की सुविधा उपलब्ध करवाते है)
त्रिउंड ट्रेक के लिए अनुमति और प्रवेश शुल्क – Permission and Entry Fee for the Triund Track in Hindi
त्रिउंड के लिये किसी भी प्रकार की अनुमति या परमिट की आवश्यकता नहीं है और ना ही किसी प्रकार का शुल्क देना होता है। त्रिउंड पर प्रवेश बिल्कुल निःशुल्क है।
त्रिउंड ट्रेक के शुरुआती चेकपॉइंट – The starting checkpoint of the Triund trek in Hindi
01 मैक्लोडगंज से त्रिउंड ट्रेक शुरू करने पर सबसे पहला चेकपॉइंट भागसूनाग वाटरफॉल आता है। भागसूनाग वाटरफॉल से आप ट्रेक करके गालु देवी मंदिर तक पहुँचते है और उसके बाद यहाँ से आपका त्रिउंड ट्रेक शुरू होता है।
02 अगर आप धर्मकोट से त्रिउंड ट्रेक शुरू करना चाहते है तो सबसे पहला चेकपॉइंट गालु देवी मंदिर आता है।
त्रिउंड पर कैंपिंग और गेस्ट हाउस – Camping and Guest House on Triund in Hindi

त्रिउंड के शिखर पर ट्रैकर के रुकने के लिए बहुत सारे विकल्प उपलब्ध है। त्रिउंड के शिखर पर एक सरकारी गेस्ट हाउस बना हुआ है जिसे ट्रैकर धर्मशाला में स्थित वन विभाग कार्यालय में अग्रिम बुक करवा सकते है। ट्रैकर त्रिउंड पर बने हुए रेस्ट हाउस को बुक करने के लिए वन विभाग के लैंडलाइन नंबर 01892-224887 और वन विभाग के आधिकारिक वेबसाइट dfodha-hp@nic.in पर ईमेल करके के रेस्ट हाउस की इन्क्वायरी कर सकते है।
लेकिन ज्यादा उपयुक्त तो यही रहता है कि या तो आप सीधा फ़ोन पर बात करके अपने लिए रूम बुक करवाएं या फिर वन विभाग के कार्यालय पर जा कर अपने लिए रूम बुक करवाएँ। त्रिउंड के शिखर पर टेंट लगाने के विकल्प भी उपलब्ध है और इसके अलावा खाने -पीने के लिए त्रिउंड के शिखर पर चाय और मैग्गी की छोटी-छोटी दुकानें भी बनी हुई है।
अगर आप अपने साथ कैंपिंग का सामान लेकर नहीं गए है तो आपको शिखर पर कैंपिंग के लिये टेंट किराये पर मिल जाएगा जिसका एक रात का किराया 500-600 रुपये के आसपास होता है। स्लीपिंग बैग के साथ टेंट का किराया कुछ बढ़ सकता है।
त्रिउंड ट्रेक पर भोजन की उपलब्धता – Food availability on The Triund Trek in Hindi

त्रिउंड ट्रेक के दौरान पूरे रास्ते मे आपको छोटी-छोटी दुकानें बनी हुई है। इन दुकानों में आपको चाय और मैग्गी आसानी से उपलब्ध मिल जाती है। छोटी-छोटी दुकानों के अलावा ट्रेक के आखरी कुछ किलोमीटर से पहले मैजिक व्यू कैफ़े और बेस्ट व्यू कैफ़े नाम के दो कैफ़े भी बने हुए है।
त्रिउंड ट्रेक का अंतिम बिंदु – Triund Trek End Point in Hindi
आप जब त्रिउंड के शिखर पर पहुँच जाते है तो आपका त्रिउंड की यात्रा पूरी मानी जाती है। कुछ प्रोफेशनल ट्रैकर त्रिउंड पर कुछ देर ही रुकते है उसके बाद वो लोग लाहेश गुफा या फिर इन्द्रहार पास ले लिए आगे जाना पसंद करते है।
त्रिउंड का अंतिम चेकपॉइंट – Last Checkpoints of Triund Trek in Hindi

त्रिउंड का अंतिम चेकपॉइंट त्रिउंड का शिखर माना जाता है, त्रिउंड के शिखर तक पहुंचने के बाद आपको कुछ चाय और मैग्गी की दुकानें दिखाई देती है और सरकारी गेस्ट हाउस भी दिखाई देता है। इन सब के अलावा शिखर पर बहुत बड़ा घास का मैदान भी दिखाई देता है इसी घास के मैदान को त्रिउंड का आखरी चेकपॉइंट माना जाता है।
त्रिउंड से वापसी मार्ग – Return route from Triund Trek in Hindi
त्रिउंड के शिखर पर अच्छा समय बिताने के बाद आप उसी रास्ते से मैक्लोडगंज या गालु देवी मंदिर वापस आते है, जिस रास्ते से आप त्रिउंड के शिखर तक गए थे।
Day By day description of the Triund Trek in Hindi
त्रिउंड ट्रेक का पहला दिन – Triund Trek Day one In Hindi

त्रिउंड ट्रेक आप कुछ घंटों में बड़ी आसानी से पूरा कर सकते है।आप यदि मैक्लोडगंज से अपना त्रिउंड ट्रेक शुरू करते है तो आप लगभग 5-6 घंटे में त्रिउंड के शिखर तक पहुँच सकते है। इसके अलावा आप अगर गालु देवी मंदिर से त्रिउंड के लिए ट्रैकिंग शुरू करते है तो आप को त्रिउंड के शिखर तक पहुंचने के लिए 3-4 घंटे का समय लगता है।
01 मैक्लोडगंज से त्रिउंड ट्रेक का पहला चेक पॉइंट गालू देवी मंदिर आता है। भागसूनाग वाटरफॉल से गालु देवी मंदिर तक आपको लगभग 1-1.5 घंटे का समय लगता है। गालु देवी मंदिर के बाद त्रिउंड के लिए अगला चेकपॉइंट मैजिक व्यू कैफ़े और बेस्ट व्यू कैफ़े पॉइंट माना जाता है, यहाँ तक पहुंचने के लिये लगभग 2-3 घंटे का समय लगता हैं। यहाँ तक पहुंचने के बाद आप 1-1.5 घंटे का ट्रैक करने के बाद त्रिउंड के शिखर तक पहुंच जाते है।
त्रिउंड ट्रेक ग्रैडिएंट – Triund Trek Gradient In Hindi
त्रिउंड के ट्रेल की शुरुआत बहुत आसान है। त्रिउंड तक जाने वाला रास्ता शुरुआत में पत्थरों से बनी हुई एक सीधी और सपाट सड़क है। लेकिन आप जैसे-जैसे ऊंचाई तक पहुँचते है वैसे-वैसे रास्ता में खड़ी चढ़ाई आनी शुरू हो जाती है। ट्रेक के अंतिम भाग में रास्ते घुमावदार होते जाते है और खड़ी चढ़ाई ज्यादा आती है।
त्रिउंड ट्रेक का इलाका – Triund Trek Terrain in Hindi

आप जहाँ से त्रिउंड ट्रेक शुरू करते है उस ट्रेक के आसपास का इलाका रोडोडेंड्रोन और ओक के पेड़ों से घिरा हुआ है। उसके बाद आप जैसे-जैसे आगे बढ़ते है तो आपके पूरे रास्ते मे रोडोडेंड्रोन, देवदार और ओक के शानदार और घने जंगल आते है। इन विशाल पेड़ो के घने जंगलों को पार करते हुए आप जैसे-जैसे ऊंचाई पर पहुँचते है तो आपको धौलाधार पर्वत श्रृंखला के के विशाल पहाड़ और कांगड़ा घाटी के बेहद सुंदर दृश्य दिखाई देने लग जाते है।
त्रिउंड ट्रेक के रास्ते में लैंडमार्क – Landmarks en route to the Ground Trek in Hindi
मैक्लोडगंज से त्रिउंड का ट्रैक शुरू करने पर सबसे पहला लैंडमार्क भागसूनाग वाटरफॉल आता है। भागसूनाग वाटरफॉल से 1-1.5 घंटे की ट्रैकिंग के बाद दूसरा लैंडमार्क गालु देवी मंदिर आता है। (अगर आप धर्मकोट से त्रिउंड के लिए ट्रैकिंग शुरू करते है तो सबसे पहला लैंडमार्क गालु देवी मंदिर आता है।) गालु देवी मंदिर से 2-3 घंटे की ट्रैकिंग के बाद तीसरा और आखरी पड़ाव मैजिक व्यू और बेस्ट व्यू कैफे नाम के दो कैफ़े आते है। इन तीन लैंडमार्क के बाद आप त्रिउंड के शिखर तक पहुँचते है।
त्रिउंड ट्रेक के दौरान पानी के स्रोत – Water sources during Triund Trek in Hindi

त्रिउंड ट्रेक के दौरान सभी ट्रैकर को यह सलाह दी जाती है वह अपने साथ पानी की बोटल जरूर साथ लेकर चले, हालांकि रास्ते मे चाय और मैग्गी की दुकानें आती है इनसे आप अपने लिए पानी की बोटल खरीद सकते है लेकिन इन दुकानों पर मिलने वाला पानी आमतौर पर महँगा मिलता है। ऊपर चढ़ाई करते समय प्यास बहुत तेजी से लगती है इसलिए उस समय आपका शरीर भी बहुत तेजी से डी-हाइड्रेटेड होने लग जाता है इसलिए त्रिउंड के पूरे ट्रेक दौरान आपके पास पानी रखने की सलाह दी जाती है।
त्रिउंड कैसे पहुंचे – How to reach Triund in Hindi

हिमालय की धौलाधार पर्वत श्रृंखला में स्थित 2850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक बहुत खूबसूरत जगह है। एक पहाड़ की चोटी पर स्थित होने की वजह से आप त्रिउंड पर किसी प्रकार के वाहन के द्वारा नहीं पहुँच सकते है। त्रिउंड के सबसे नजदीकी शहर मैक्लोडगंज और धर्मकोट है। अगर आप त्रिउंड आने का प्रोग्राम बना रहे है तो आपको सबसे पहले मैक्लोडगंज और धर्मकोट पहुँचना होगा उसके बाद आप इन दोनों शहरों से अपनी त्रिउंड के पैदल यात्रा शुरू कर सकते है।
फ्लाइट से त्रिउंड कैसे पहुंचे – How to reach Triund by Flight in Hindi
मैक्लोडगंज (त्रिउंड) के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा है। गग्गल हवाई अड्डे से मैक्लोडगंज की दुरी मात्र 18.5 किलोमीटर है ( Gaggal airport to McLeodganj distance )। मैक्लोडगंज (त्रिउंड) से पठानकोट हवाई अड्डे की दुरी मात्र 95 किलोमीटर है ( Pathankot airport to McLeodganj distance )।
मैक्लोडगंज (त्रिउंड) से चंडीगढ़ अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे की दुरी मात्र 250 किलोमीटर है ( Chandigarh International airport to McLeodganj distance )। इन तीनों शहरों से आप कैब सर्विस के द्वारा मैक्लोडगंज (त्रिउंड) बड़ी आसानी पहुँच सकते है।
सड़क मार्ग से त्रिउंड कैसे पहुँचें – How to reach Triund by Road in Hindi
अगर आप सड़क मार्ग से मैक्लोडगंज (त्रिउंड) आना चाहते है तो आप पठानकोट, चंडीगढ़ और दिल्ली से बस और कैब के द्वारा धर्मशाला तक पहुंच सकते है। धर्मशाला सड़क मार्ग के द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। धर्मशाला पहुँच कर आप स्थानीय निजी बस सर्विस की सहायता से आप मैक्लोडगंज (त्रिउंड) बड़ी आसानी से पहुँच सकते है।
निजी बस सेवा के अलावा धर्मशाला से मैक्लोडगंज (त्रिउंड) तक साझा टैक्सी सेवा भी उपलब्ध रहती है। धर्मशाला से मैक्लोडगंज (त्रिउंड) की दुरी मात्र 09 किलोमीटर है ( Dharmshala to McLeodganj distance )।
ट्रेन से त्रिउंड कैसे पहुँचे – How to reach Triund by Train in Hindi
काँगड़ा रेलवे स्टेशन मैक्लोडगंज (त्रिउंड) के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। मैक्लोडगंज (त्रिउंड) से काँगड़ा रेलवे स्टेशन की दुरी मात्र 25 किलोमीटर है ( kangra railway station to McLeodganj distance )। अगर आप ट्रैन से मैक्लोडगंज (त्रिउंड) आना चाहते है तो पठानकोट रेलवे स्टेशन सबसे उपयुक्त जाता है। मैक्लोडगंज (त्रिउंड) से पठानकोट रेलवे स्टेशन की दुरी मात्र 90 किलोमीटर है ( Pathankot railway station to McLeodganj distance )।

त्रिउंड के पास घूमने के जगह – Places to Visit near Triund in Hindi
धर्मशाला Part-01, धर्मशाला Part-02, खज्जियार, डलहौज़ी Part-01, डलहौज़ी Part-02, चम्बा, मणिमहेश, मैक्लोडगंज Part-01, मैक्लोडगंज Part-02, धर्मकोट
(अगर आप मेरे इस आर्टिकल में यहाँ तक पहुंच गए है तो आप से एक छोटा से निवदेन है की नीचे कमेंट बॉक्स में इस लेख से संबंधित आपके सुझाव जरूर साझा करें, और अगर आप को कोई कमी दिखे या कोई गलत जानकारी लगे तो भी जरूर बताए। में यात्रा से संबंधित जानकारी मेरी इस वेबसाइट पर पोस्ट करता रहता हूँ, अगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप को पसंद आ रही है तो आप अपने ईमेल से मेरी वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करे, धन्यवाद )