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राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास – History of Rajaji National Park in Hindi

हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रृंखला के समीप में स्थित राजाजी राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवन और वानस्पतिक सम्पदा से भरपूर 820 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के तीन प्रमुख जिलों देहरादून, पौड़ी गढ़वाल और हरिद्वार के वन क्षेत्रों में फैला हुआ है।

भारत के तीन वन विहार मोतीचूर वन विहार (1936), राजाजी वन विहार (1948) और चिल्ला वन विहार (1977) का 1983 में एक दूसरे में विलय करके राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की गई। 15 अप्रैल 2015 को राजाजी राष्ट्रीय उद्यान और कर्नाटक के कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान को प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिज़र्व की मान्यता दे दी गई। जिम कॉर्बेट के बाद राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड का दूसरा टाइगर रिज़र्व है।

राजाजी टाइगर रिज़र्व का नाम भारत के महान स्वंतंत्रता सेनानी, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नाम पर किया गया है, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी भारत के दूसरे और अंतिम गवर्नर-जनरल रहे है, तथा 1954 में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया है।

चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ‘भारत रत्न’ से सम्मानित होने वाले देश के दूसरे नागरिक थे, तथा सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत का पहले ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। इन दोनों महान विभूतियों को यह सम्मान 1954 में प्राप्त हुआ।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की वनस्पति – Flora of Rajaji Tiger Reserve

Cedar Tree In Rajaji National Park | Ref Image

देवभूमि उत्तराखंड में स्थित राजाजी राष्ट्रीय उद्यान हिमालय के शिवालिक पर्वत श्रृंखला के मैदानी इलाकों में फैला हुआ एक बहुत ही शानदार सरंक्षित वन क्षेत्र है। इस राष्ट्रीय उद्यान के बीचों-बीच बहती हुईं पवित्र गँगा नदी इस राष्ट्रीय उद्यान के लगभग 24 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में बहती है, इस वजह से यह राष्ट्रीय उद्यान वनस्पति के हिसाब बेहद घना और वन्यजीवों के लिए एक अनुकल प्राकृतिक आवास बन जाता है।

इन राष्ट्रीय उद्यान में बड़े-बड़े देवदार के वृक्ष के अलग ही सौंदर्य प्रदान करते है। देवदार के वृक्षों के अलावा इस राष्ट्रीय उद्यान में नदी के पास मिलने वाली वनस्पति, बड़े-बड़े घास के मैदान, पर्णपाती वन क्षेत्र यहाँ रहने वाले वन्यजीवों के लिए प्राकृतिक आवास बनाते है। इसके अलावा यहाँ की वनस्पति में रोहिणी, अमलतास, शीशम, साल, पलाश, अर्जुन, कचनार, बांस, सेमुल, चामरोर, बेर, चिल्ला, बेल, आंवला आदि तरह के पेड़-पौधे पाये जाते है।

राजाजी टाइगर रिज़र्व के वन्यजीव – Wildlife of Rajaji Tiger Reserve in Hindi

Tiger In Rajaji National Park | Ref Image

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान को 15 अप्रैल 2015 को भारत के प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत टाइगर रिज़र्व घोषित कर दिया गया और उसके बाद यह राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड का दूसरा टाइगर रिज़र्व है। राजाजी टाइगर रिज़र्व के में 2015-16 की बाघ गणना के अनुसार 34 बाघ और 5 शावक है, बाघों के अलावा इस टाइगर रिज़र्व में हाथी आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।

वर्तमान में इस अभ्यारण्य में हाथियों की संख्या 500 से ज्यादा है, अगर आप की किस्मत अच्छी हुई तो यहाँ हाथियों का झुंड देखने को मिल सकता है। बाघ और हाथी के अलावा तेंदुआ भी इस टाइगर रिज़र्व का मुख्य शिकारी है, यहाँ तेंदुओं की संख्या 200 से ज्यादा है। इस राष्ट्रीय उद्यान में चीतल के बड़े-बड़े झुंड दिखाई देना भी एक सुखद अनुभव प्रदान करता है।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का प्राकृतिक निवास स्थान है यहाँ एशियाई हाथी, बाघ, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, धारीदार लकड़बग्गा, भारतीय हर, आलसी भालू, हिमालयन काले भालू, किंग कोबरा, सियार, लोमड़ी, गोरल, बार्किंग हिरण, सांभर, चीतल, जंगली सुअर, रीसस मकाक, बंदर, भारतीय लंगूर, साही, मॉनिटर छिपकली और अजगर जैसे वन्यजीव आसानी से देखे जा सकते है।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के पक्षी – Birds in Rajaji National Park in Hindi

Small Bird in Rajaji National Park | Ref Image

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में जिसे प्रकार से स्तनपाई वन्यजीवों से भरपूर है उसी तरह यहाँ के घने जंगल पक्षियों के लिए भी उतना अनुकूल वातावरण प्रदान करते है। राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 315 से ज्यादा देशी और विदेशों प्रजातियों के पक्षी पाये जाते है। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में प्रमुख रूप से पाये जाने वाले पक्षियों में गिद्ध, कठफोड़वा, किंगफिशर, तीतर, मटर फाउल, बारबेट आदि प्रजातियां पूरे वर्ष पाई जाती है।

उद्यान में पाये जाने वाले पक्षियों की प्रजातियों में क्रेस्टेड किंगफिशर, एशियन पैराडाइज फ्लाईकैचर, ग्रेट पाइड हॉर्नबिल, ओरिएंटल पाइड हॉर्नबिल, स्पॉटेड फोर्किटेल, ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो, लेस्स रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो, पाइड किंगफिशर, क्रिमसन सनबर्ड और फायर-टेल सनबर्ड जैसे पक्षी प्रमुखता से पाये जाते है।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश शुल्क – Rajaji Tiger Reserve Entry Fee in Hindi

Leopard in Rajaji Tiger Reserve | Ref Image
S.NO.  FEES INDIAN TOURIST FOREIGN TOURIST
01 Entry Fees 150/- INR 600/- INR
02 Vehicle Parking 250/- INR 500/- INR
03 Guide 600/- INR (General Guide)

1000/- To 1500/- (Experienced Guide)

04 Gypsy 1500/- INR 1500/- INR
05 Still Camera Nill 50/- INR

नोट:- राष्ट्रीय उद्यान में जीप और जिप्सी की बुकिंग उद्यान के मुख्य प्रवेश द्वार पर की जा सकती है। बुकिंग जिप्सी और जीप की उपलब्धता पर निर्भर करती है, कौशिश करें की जिप्सी और जीप की बुकिंग एडवांस में करवा ले। छात्रों द्वारा शैक्षणिक संस्थान का परिचय पत्र दिखाने पर प्रवेश शुल्क में छूट मिल सकती है। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में उद्यान के प्रशासन द्वारा कभी भी बदलाव किया जा सकता है।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान देखने का समय – Rajaji National Park Timings in Hindi

S.NO.  Month TIME MORNING TIME EVENING
01 15 November To 31 January 6:30 A.M. To 09:30 A.M. 2:00 P.M. To 5:00 P.M.
02 01 Feburary To 31 March 6:30 A.M. To 09:30 A.M. 2:00 P.M. To 5:00 P.M.
03 01 April To 15 June 6:00 A.M. To 09:00 A.M. 3:00 P.M. To 6:00 P.M.
04 15 June To 15 November Closed Closed

नोट:- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान 15 नवंबर से 15 जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। अधिक बारिश के कारण वर्ष के बाकी महीनों में उद्यान पर्यटकों के लिए बंद रहता है। राष्ट्रीय उद्यान में सफारी का समय कुल 3 घंटे रहता है। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में हाथी की सवारी नहीं करवाई जाती है। मौसम के अनुसार राष्ट्रीय उद्यान में सफारी के समय में फेरबदल किया जा सकता है।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best Time to Visit Rajaji National Park in Hindi

Elephant In Rajaji Tiger Reserve | Ref Image

हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रृंखला के मैदानी इलाकों में स्थित होने की वजह से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में बारिश बहुत ज्यादा होती है इसलिये बारिश के मौसम के बाद नवंबर से  लेकर जून महीने के अंत तक राजाजी राष्ट्रीय उद्यान घूमने का सबसे अच्छा से रहता है।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुंचे – How to reach Rajaji National Park in Hindi

हवाईजहाज से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुंचे – How to reach Rajaji National Park By Flight in Hindi

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। देश के प्रमुख शहरों से जॉली ग्रांट एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी भी बहुत बढ़िया है। अगर आप किसी दूसरे देश से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा कर रहे है तो दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।

दिल्ली से आपको सबसे पहले हरिद्वार के लिए रेल, बस ओर कैब की अच्छी सुविधा मिल जाएगी हरिद्वार से आप कैब या ऑटो के द्वारा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान आसानी पहुंच सकते है।

रेल से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुंचे – How to reach Rajaji National Park By Train in Hindi

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार और देहरादून के रेल्वे स्टेशन है। हरिद्वार से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की दूरी 23 किलोमीटर है और देहरादून से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की दूरी 60 किलोमीटर है। दोनों जगहों से आप को कैब या ऑटो आसानी से मिल जाएगा।

सड़क मार्ग से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुंचे – How to reach Rajaji National Park By Road in Hindi

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान आने के लिए आप को सबसे पहले हरिद्वार आना पड़ेगा। हरिद्वार से आप को राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के लिए कैब या ऑटो आसानी से मिल जाएगा। भारत के किसी भी कोने से आप हरिद्वार सड़क मार्ग द्वारा बहुत आसानी से पहुंच सकते है।

उत्तर भारत के प्रमुख शहरों से हरिद्वार की कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है दिल्ली, जयपुर और आगरा जैसे शहरों से हरिद्वार आने के लिए नियमित निजी बस सेवा और सरकारी बस उपलब्ध है। आप अपने निजी वाहन या फिर कैब के द्वारा भी बहुत आसानी से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान पहुँच सकते है।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के आस पास घूमने के लिए कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थल  – Tourist Place Near Rajaji Tiger Reserve in Hindi

हरिद्वार, धनोल्टी , नई टिहरी, टिहरी झील, नरेंद्र नगर, नाग टिब्बा,  ऋषिकेश, देहरादून, मालसी डियर पार्क, चम्बा, दशावतार मंदिर, मसूरी, जोरांडा फाल्स, बरेहिपानी, न्यू टेहरी टाउनशिप, माताटीला डैम और देओगढ़ किला जैसी जगहों की बहुत बड़ी लिस्ट है । पर्यटक यहाँ पर कई एडवेंचर स्पोर्ट जैसे रिवर क्रासिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, हाईकिंग और कैंप थांगधर में ट्रैकिंग का आनंद भी ले सकते हैं। यह कैंप पर्यटकों को रुकने के साथ साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करते है।

(अगर आप मेरे इस आर्टिकल में यहाँ तक पहुंच गए है तो आप से एक छोटा से निवदेन है की नीचे कमेंट बॉक्स में इस लेख से संबंधित आपके सुझाव जरूर साझा करें, और अगर आप को कोई कमी दिखे या कोई गलत जानकारी लगे तो भी जरूर बताए।  में यात्रा से संबंधित जानकारी मेरी इस वेबसाइट पर पोस्ट करता रहता हूँ, अगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप को पसंद आ रही है तो आप अपने ईमेल से मेरी वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करे, धन्यवाद )

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