कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य 2024 | Kumbhalgarh National Park | Kumbhalgarh National Park Travel Guide 2024 | Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary in Hindi | Jungle Safari in Kumbhalgarh in Hindi | National Park in India | Timings | Entry Fee | Safari Booking

कुंभलगढ़ का इतिहास –  History of Kumbhalgarh Fort in Hindi

Sloth bear Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary

राजस्थान का इतिहास सिर्फ यहां पर थार के मरुस्थल या अरावली पर्वतमाला के ऊंचे ऊंचे पहाड़ और उन पहाड़ों के बीच में स्थिति घने जंगलों के जितना सीमित नहीं है। वैसे तो राजस्थान बहुत भागों में बंटा हुआ है  लेकिन मेवाड़ एक ऐसा भाग है  जिसका इतिहास  इतना विशाल और समृद्ध है  कि यहां रहने वाले  स्थानीय निवासी और  पूरे भारत का हर नागरिक  इस पर गर्व करता है ।

कुंभलगढ़ किले का इतिहास भी कुछ ऐसा ही है  15 वी शताब्दी में महाराणा कुंभा ने इस किले का निर्माण किया राणा कुंभा के मेवाड़ राज्य का विस्तार रणथंभौर से ग्वालियर तक था और इसमें मध्यप्रदेश के साथ लगभग पूरा राजस्थान  शामिल था। राणा कुंभा के प्रभुत्व में 84 किले आते थे जिसमें से 32 किलो का निर्माण राणा कुंभा ने खुद किया था, और इनमें भी कुंभलगढ़ का किला सबसे बड़ा और सबसे विशाल है। मुख्यतः किला महाराणा प्रताप की जन्म स्थली के रूप में प्रसिद्ध है और पन्ना धाय के बलिदान के लिए भी किला जाना जाता है।

किले के निर्माण के साथ ही इसके लिए पर वर्षों तक बाहरी आक्रमणकारियों ने बहुत  हमले किए लेकिन कभी भी किसी को सफलता प्राप्त नहीं हुई इतिहास में सिर्फ एक बार इस किले पर दुश्मनों ने विजय प्राप्त की है अकबर के सेनापति शाहबाज खान ने 1576 में इस किले पर अधिकार कर लिया था, 1585 गोरिल्ला युद्ध के माध्यम से महाराणा प्रताप ने वापस अपने कब्जे में ले लिया । मैंने अपनी एक अलग ब्लॉग में कुंभलगढ़ किले के इतिहास की जानकारी विस्तृत रूप से दी है।

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण – Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary in Hindi

Leopard Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary

राजस्थान में कितने वन्य जीव अभ्यारण है , मैं बताता हूं 37 वन्य जीव अभ्यारण है उनमें से एक है कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण ।  छोटा सा सवाल राजस्थान किस लिए प्रसिद्ध है, थार मरुस्थल के लिए जवाब एकदम सही है लेकिन राजस्थान एक बहुत ही अलग राज्य है यहां सिर्फ थार मरुस्थल ही नहीं अरावली पर्वतमाला भी है जो इस राज्य को दो हिस्सों में बांट ती है।

अरावली पर्वतमाला में ही स्थित है कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य  मध्यकाल में मेवाड़ और मारवाड़ के बीच यह जगह एक शिकारगाह के रूप में प्रसिद्ध थी, सन 1971 में इस जगह को वन्य जीव अभ्यारण घोषित कर दिया गया आज यह एक सरंक्षित एरिया है। पूरा जंगल ऊंचे ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है, और जो इस जंगल का सबसे ऊंचे पहाड़ हैं उनकी ऊंचाई 3478 फीट तक जाती है जंगल का उत्तर पश्चिमी भाग मारवाड़ के मैदानी इलाको से घिरा हुआ है जबकि पश्चिमी ढलान का क्षेत्र बारिश का क्षेत्र है ।

पूर्वी पहाड़ियों का आधार बनास नदी है और उसकी सहायक नदी है लूनी नदी जो कि बारिश के मौसम में ही बहती है और अरब सागर मैं मिलती है।  कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य अपनी वन्यजीवों के सरंक्षण के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है  कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य विभिन्न प्रकार की वन्यजीव और पक्षियों का घर है इनमें से कुछ प्रजातियां मित्र प्राय भी है वन्यजीवों में भेड़िया तेंदुआ स्वस्थ भालू धारदार लकड़बग्घा गोल्डन सियार जंगली बिल्ली सांभर नीलगाय चौसिंगा ( चार सींग वाला मृग) और चिकारा शामिल है।

जंगल का मुख्य शिकारी तेंदुआ है। कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के पक्षियों में सामान्य रूप से grey junglefowl, मोर, कबूतर पानी के छोटे तालाबों के पास red spurfowl, तोता और  golden oriole , कबूतर,  बुलबुल और सफेद  रंग वाले किंगफिशर जैसे पक्षी आसानी से देखने को मिल जाते हैं , यहां पर लगभग 200 प्रवासी और अप्रवासी पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है ।

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य भारत के उन स्थानों में से है एशियाई शेरों के प्रजनन के लिए उपयुक्त माना जाता है सन 2009 मैं एशियाई शेरों के पुनर्वास और प्रजनन के लिए राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट में प्रस्ताव भी लेकर गई थी ।

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य की भौगोलिक स्थिति-  Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary Geography in Hindi

कुंभलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण का नाम ऐतिहासिक कुंभलगढ़ किले के नाम पर रखा हुआ है। यह अभ्यारण्य लगभग 236 वर्ग किलोमीटर के एरिया को कवर करता है, अरावली पर्वतमाला में फैला हुआ अभयारण्य राजसमंद, उदयपुर, और पाली जिले के क्षेत्र को कवर करता है यहां के पहाड़ों में ऊंचाई 500 मीटर से लेकर 1300 मीटर तक है अरावली की चार मुख्य पर्वतश्रृंखला इस क्षेत्र के अंदर आती है कुंभलगढ़ रेंज,सादड़ी रेंज, देसूरी रेंज और बोखड़ा रेंज इस अभयारण्य क्षेत्र के अंदर 22 गांव है। अभयारण्य मुख्य रूप से मैदानी और पहाड़ी दो क्षेत्रों में बंटा हुआ है, मैदानी क्षेत्र के अंदर गांव के लोग खेती-बाड़ी करते हैं ।

कुंभलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण में घूमने के स्थान – Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary Places to visit in Hindi

जोबा वुल्फ पॉइंट कुंभलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य – Joba Wolf Point Kumbhagarh Wildlife Sanctuary in Hindi

Wolf Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary

कुंभलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य राजस्थान का इकलौता ऐसा अभ्यारण है जिसमें 40 से अधिक भेड़िए हैं राजस्थान के अन्य वन्यजीव अभयारण्य में इतने ज्यादा संख्या के अंदर भेड़िए नहीं पाए जाते है,  सादड़ी से लगभग 7 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है जोबा जो कि इन भेड़ियों का मुख्य निवास स्थान है  यह पूरा क्षेत्र 500 हेक्टेयर के अंदर फैला हुआ है इसीलिए यह जगह जोबा वुल्फ पॉइंट के नाम से प्रसिद्ध है।

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य जीप सफारी – Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary  Jeep Safari in Hindi

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य मुख्यतः अरावली पर्वतमाला क्षेत्र में फैला हुआ है, इस पूरे जंगल के अंदर जंगली जानवर, प्रवासी और अप्रवासी पक्षियों की खूब सारी प्रजातियां देखने को मिलती है। इस वन्य जीव अभ्यारण में मुख्यतः जीप सफारी, ट्रैकिंग और हॉर्स ट्रैकिंग प्रसिद्ध है, कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के अंदर जितनी भी एडवेंचर एक्टिविटी चलाई जाती है वह स्थानीय निवासियों के द्वारा ही संचालित है ।

जीप सफारी में कुंभलगढ़ किले से लेकर ठंडी बेरी तक का जो रुट है वह काफी फेमस है इस रूट पर आपको लगभग 3.5 घंटे की जंगल सफारी का आनंद लेने को मिलता है पूरा रास्ता घने जंगलों के बीच में से निकलता है इस रास्ते में आपको तेंदुए और सांभर देखने को मिल सकते हैं और इस रोड के अंत में प्रसिद्ध रणकपुर जैन मंदिर भी आता हैं इन प्रसिद्ध मंदिरों को आपको एक बार जरूर देखना चाहिए।

कुछ रुट ऐसे भी हैं जहां पर आपको फॉरेस्ट गार्ड और परमिट की भी जरूरत पड़ सकती है। कुछ प्रसिद्ध ट्रैकिंग रूट की जानकारी में आपको यहां पर बता रहा हूं ।

Aravali hills in monsoon Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary

कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य के प्रसिद्ध ट्रैक – Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary Famous tracks in Hindi

01 जैन तीर्थंकर 3-7  किलोमीटर

02 कुंभलगढ़ से ठंडी बेरी 14 किलोमीटर

03 रूपनगर से सुमेर 98 किलोमीटर

04 रणकपुर से कुंभलगढ़ 25 किलोमीटर

05 मालगढ़ से मागा 8 किलोमीटर

06 रूपनमाता से रणकपुर 30 किलोमीटर

07 रणकपुर से ठंडी बेरी 15 किलोमीटर

 नोट:-  अभयारण्य में जाने से पहले प्रवेश द्वार से परमिट पेपर लेना ना भूलें।

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary in Hindi

कुंभलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण का मौसम 12 महीने ठीक रहता है लेकिन अक्टूबर से लेकर मार्च तक अगर आप वहां जाते हैं तो ज्यादा अच्छा रहेगा ।

Banas River Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य में क्या करें – Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary Things to do in Hindi

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में करने को बहुत कुछ है, आप यहां पर फोटोग्राफी, ट्रैकिंग, जीप सफ़ारी, हॉर्स ट्रैकिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटी कर सकते है और कुछ टूर ऑपरेटर कैंपिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाते है ।

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य प्रवेश शुल्क – Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary Entrance Fee in Hindi

01 साप्ताहिक दिनों में – 100 प्रति व्यक्ति

02 सप्ताहांत – 75 प्रति व्यक्ति

03 स्कूली छात्र (पहचान पत्र आवश्यक है) – 15 प्रति छात्र

04 कैमरा – 80 /-

05 वीडियो कैमरा – 200/-

06 जीप सफारी – 2500/- (6 सदस्य)

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में प्रवेश का समय- Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary Timing in Hindi

01 वन्यजीव अभयारण्य – 9:00 AM से 5:30 PM

02 जीप सफारी – 9:00 AM से 5:30 PM

नोट:- जीप सफारी की फीस सीजन के समय बदल सकती है और  वन्यजीव अभ्यारण का समय भी बदल सकता है।

कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य पर कैसे पहुंचे – How to reach Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary in Hindi

Nilgai Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary

हवाईजहाज से कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य पर कैसे पहुंचे – How to reach Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary By Flight in Hindi

कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य का निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर हवाई अड्डा है Udaipur to Kumbhalgarh wildlife Sanctury Distance is 100 km। वहां से आप कुंभलगढ़ के लिए बस, टैक्सी या कार ले सकते हैं।

ट्रैन से कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य पर कैसे पहुंचे – How to reach Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary By Train in Hindi

कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के लिए कोई सीधी ट्रैन नहीं चलती है लेकिन आप कुम्भलगढ़ के नजदीकी रेल्वे स्टेशन रानी और फालना से आप को नियमित ट्रैन मिल जाएगी । रानी और फालना से कुम्भलगढ़ की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है । Falna to Kumbhalgarh wildlife Sanctury Distance is 35 km

सड़क मार्ग से कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य पर कैसे पहुंचे – How to reach Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary By Road in Hindi

राजस्थान में उदयपुर से कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य की दूरी (दूरी 84 km), नाथद्वारा (दूरी 50 km) और उसके आसपास के सभी प्रमुख शहरों और कस्बों से कुम्भलगढ़ के लिए अक्सर बस सेवाएं हैं। मेरे हिसाब से आपको यहां पर कैब या कार सेवा किराए पर लेकर आना चाहिए है।

Fox Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary

कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के नजदीकी पर्यटक स्थल – Nearby Tourist Places to Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary in Hindi

अगर आप एक लंबी छुट्टियों पर आये हुए या आप को घूमना बहुत पसंद है तो कुम्भलगढ़ के आसपास बहुत सारे पर्यटक स्थल है जैसे कुंभलगढ़ किला उदयपुर Part-01 , उदयपुर Part-02, उदयपुर Part-03, उदयपुर Part-04, सिटी पैलेस, जोधपुर , रणकपुर , सादड़ी में परशुराम महादेव मंदिर , चित्तौड़गढ़ , नाथद्वारा , माउंटआबू और गुजरात में अम्बा जी ।

(अगर आप मेरे इस आर्टिकल में यहाँ तक पहुंच गए है तो आप से एक छोटा से निवदेन है की नीचे कमेंट बॉक्स में इस लेख से संबंधित आपके सुझाव जरूर साझा करेंऔर अगर आप को कोई कमी दिखे या कोई गलत जानकारी लगे तो भी जरूर बताए।  में यात्रा से संबंधित जानकारी मेरी इस वेबसाइट पर पोस्ट करता रहता हूँअगर मेरे द्वारा दी गई जानकारी आप को पसंद आ रही है तो आप अपने ईमेल से मेरी वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करेधन्यवाद )

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